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भारी बारिश के पीछे भूमिका: दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड में भारी वर्षा के वैज्ञानिक कारण |2023

भारी बारिश के पीछे भूमिका: दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड में भारी वर्षा के वैज्ञानिक कारण |2023

मौसम परिवर्तन और विज्ञानिकों का मानना है कि दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश की मुख्य वजह तीन मौसम प्रणालियों के संरेखण में है. इसके साथ ही, ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते स्तर भी इस वृद्धि का महत्वपूर्ण कारक है. मौसम विज्ञानी और जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, ये तीन मौसम प्रणालियाँ हैं:

  1. पश्चिमी हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ: पश्चिमी हिमालय पर वर्षा के क्षेत्र में विक्षोभ होने के कारण दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश हो रही है. यह विक्षोभ मौसम प्रणाली को बदलकर देता है और अधिक वर्षा के कारक बनता है.
  2. उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर चक्रवाती परिसंचरण: चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) के कारण उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में वर्षा की गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं. यह बादलों के प्रवाह को बढ़ाता है और भारी बारिश का कारण बनता है.
  3. भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में चलने वाली मानसून की धुरी: मानसून की धुरी उत्तर भारतीय क्षेत्रों में वर्षा को लाती है. यह भारी बारिश का मुख्य कारण होता है और बादलों के प्रवाह को बढ़ाता है.

विज्ञानियों का मानना है कि ये मौसम प्रणालियाँ पहले भी मौसम के दौरान होती थीं, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में कई बदलाव हुए हैं. इसके कारण भारत में तबाही मचाने वाली अत्यधिक भारी बारिश हो रही है. भूमि और समुद्र के तापमान में वृद्धि के कारण हवा में अधिक नमी बनी रहती है, जो वर्षा को बढ़ाती है. जलवायु परिवर्तन की भूमिका भी हर साल बढ़ती जा रही है, जिससे इस प्रकार की मौसम घटनाएं और अधिक अक्षम हो रही हैं.

इन बारिशों के परिणामस्वरूप, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश हुई है. पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं देखी गई हैं .

वैज्ञानिकों के अनुसार भारी बारिश की वजह: मौसम प्रणालियों और ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव

भारी बारिश के पीछे भूमिका

भारत में दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के पीछे मौसम प्रणालियों और ग्लोबल वार्मिंग का महत्वपूर्ण प्रभाव है। वैज्ञानिकों ने इस बारिश के पीछे निम्नलिखित कारकों को जिम्मेदार ठहराया है:

  1. मौसम प्रणालियाँ: दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में हो रही भारी बारिश के पीछे तीन मौसम प्रणालियाँ जिम्मेदार हैं। पहला है पश्चिमी हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ, जिसके कारण दिल्ली और पड़ोसी क्षेत्रों में वर्षा की बढ़ोतरी होती है। दूसरा है उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर चक्रवाती परिसंचरण, जो वर्षा की गतिविधियों को बढ़ाता है। तीसरा है भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में चलने वाली मानसून की धुरी, जो भारी बारिश का मुख्य कारण है।
  2. ग्लोबल वार्मिंग: वैज्ञानिकों के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग भी भारत में भारी बारिश का महत्वपूर्ण कारक है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण भूमि और समुद्र के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे हवा में अधिक नमी बनी रहती है। यह नमी बादलों के विकास और वर्षा को बढ़ाती है। ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप, मौसम परिवर्तन द्वारा भारत में बारिश की तेजी और अधिकता का दौर देखा जा रहा है।

वैज्ञानिक महेश पलावत ने इस संदर्भ में कहा है, “भूमि और समुद्र के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे हवा में लंबे समय तक नमी बनाए रखने की क्षमता बढ़ गई है। इस प्रकार, भारत में बढ़ती चरम मौसम की घटनाओं में जलवायु परिवर्तन की भूमिका हर गुजरते साल के साथ मजबूत होती जा रही है।”

इस प्रकार, वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम प्रणालियों के संरेखण और ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते स्तर ने भारत में भारी बारिश की वृद्धि को प्रभावित किया है।

भारी बारिश के परिणामस्वरूप होने वाली आपदाएं और सावधानियां |भारी बारिश के पीछे भूमिका

भारी बारिश के पीछे भूमिका 2

भारी बारिश के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली आपदाएं और आवारण के कारण लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। यहां कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां दी गई हैं:

  1. बाढ़ की आपदा: भारी बारिश के कारण बाढ़ और जल प्रलय की स्थिति हो सकती है। बाढ़ के बीच फंसे लोग जानलेवा स्थिति में पड़ सकते हैं। इसलिए, बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहना चाहिए, सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए, और जरूरी आपदा सामग्री को तैयार रखना चाहिए।
  2. भूस्खलन: भारी बारिश के कारण भूमि के भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। तटीय क्षेत्रों में और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की संभावना होती है, जिससे घातक परिणाम हो सकते हैं। लोगों को खतरनाक स्थानों से दूर रहना चाहिए और सुरक्षित स्थानों में ही रुकना चाहिए।
  3. जल-जमाव: भारी बारिश के कारण जल-जमाव हो सकते हैं, जो सड़कों को बंद कर सकते हैं और आपकी गतिरोध कर सकते हैं। जल-जमाव क्षेत्रों से दूर रहें और सुरक्षित रास्ते का चयन करें।
  4. नदी का बढ़ जाना: भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे नदी का बाढ़ हो सकता है। जलस्तर के बढ़ने की सूचना पर ध्यान दें और नदी के आसपास के इलाकों से दूर रहें। सरकारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर शर्तें ढालें।
  5. आपातकालीन सेवाएं: आपातकालीन सेवाओं की जानकारी रखें और उन्हें आवश्यकता होने पर इस्तेमाल करें। हेल्पलाइन नंबर, रेस्क्यू टीम, और अन्य संबंधित संगठनों के नंबर को संग्रहित रखें।
  6. संबंधित खबरों का जांच करें: नवीनतम मौसम समाचार, मौसम आपदा अपडेट, और सरकारी निर्देशों की जांच करें। यह आपको बारिश की अपडेट और आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक रखेगा।

भारी बारिश के लिए सुरक्षा और तैयारी के टिप्स

  1. जल बाधा से बचें: जब भारी बारिश हो रही हो, तो खतरनाक स्थानों से दूर रहें और जल बाधा के शानदार वारिस्त को पहचानें। नदियों, खाड़ियों, और झीलों के पास जाने से बचें। अगर आपको पानी के ऊपर नहीं जाना हो तो नदी, गर्मी या झरने में स्नान न करें।
  2. घर की सुरक्षा: अपने घर की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। विकसित क्षेत्रों में निर्माणित घरों के लिए सुरक्षा मार्ग निर्धारित करें और अगर आपका घर बाढ़ के खतरे के नीचे है तो तुरंत उचित उपाय अपनाएं।
  3. परिवार के साथ रहें: भारी बारिश के समय अकेले न रहें और परिवार के साथ रहें। अपने परिवार को उपयुक्त सुरक्षा के साथ एकजुट रखें और उन्हें बाढ़ से बचाने के लिए निर्देशित करें।
  4. संबंधित सूचना का पालन करें: मौसम से संबंधित अपडेट, सरकारी निर्देश और आपदा प्रबंधन की जानकारी को नियमित रूप से चेक करें। विभागों और प्राधिकारियों की जानकारी प्राप्त करें और आवश्यकता होने पर उनके निर्देशों का पालन करें।
  5. आपातकालीन साधनों को तैयार रखें: आपातकालीन साधनों की तैयारी रखें, जैसे कि पानी, खाद्य सामग्री, बैटरी चलने वाली टॉर्च, पहनावे, और मेडिकल सामग्री। इन सामग्रियों को एक सुरक्षित और पहुंचने

Bharat Gurjar

भरत गुर्जर राजस्थान के रहने वाले एक न्यूज़ संवाददाता है जो अपने लेखन शैली से लोगों को प्रभावित करते हैं १० साल का अनुभव और पत्रकारिता में एक बहुत संजीदा तरीके से लिखने वाले कलमकार

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