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देश के पहले नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव: पीएम मोदी द्वारा सिविल सर्वेंटों के लिए ट्रेनिंग के महत्व पर ध्यान केंद्रित

देश के पहले नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव: पीएम मोदी द्वारा सिविल सर्वेंटों के लिए ट्रेनिंग के महत्व पर ध्यान केंद्रित

देश के पहले नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव का उद्घाटन 11 जून को प्रगति मैदान, दिल्ली में होने जा रहा है। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य सिविल सर्विस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के बीच कोलैबोरेशन को बेहतर बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम के आयोजन करेंगे और सुबह 10:30 बजे इसे संबोधित करेंगे।

इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य सरकारी पॉलिसी और गवर्नेंस की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने का है, और इसके लिए सिविल सर्वेंट्स को बेहतर और नवीनतम ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इससे सरकारी कर्मचारियों के कौशल और क्षमताओं को निखारा जा सकेगा।

इस कॉन्क्लेव में कुल मिलाकर 1500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जो अलग-अलग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स से हैं। इनमें सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रिजनल एंड जोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और रिसर्च इंस्टीट्यूट

इस कॉन्क्लेव में विभिन्न रिसर्च इंस्टीट्यूटों के प्रतिनिधियों की भी शामिली होगी, जिससे आइडिया और विजन का स्वस्थ आपसी विनिमय होगा। कॉन्क्लेव में आठ पैनल डिस्कशन होगा, जहां विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रत्येक डिस्कशन का अलग-अलग विषय चुना जाएगा।

इस नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से सरकार उच्चतम स्तर पर नवीनतम ट्रेनिंग तकनीकों, सशक्तिकरण के नए तत्वों और अद्यतन सिस्टम के बारे में ज्ञान प्राप्त करेगी। इससे सरकारी कर्मचारियों को समृद्ध साधनों और प्रशिक्षण के साथ एक परिष्कृत माहौल मिलेगा ताकि वे अपनी दायित्वों को पूरा करने में सक्षम हो सकें।

इस पहल के अंतर्गत, प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन कर्मयोगी की शुरुआत भी की है, जिसका मकसद सरकारी सेवकों की प्रशिक्षण, संगठनात्मक बदलाव और उनके कौशल में सुधार करना है। इसके माध्यम से सरकार की गवर्नेंस प्रक्रिया में प्रगति की जाएगी

प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस में सुधार के लिए पीएम मोदी द्वारा आयोजित नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव

देश के पहले नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव


देश के पहले नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव: पीएम मोदी द्वारा प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस में सुधार के लिए आयोजित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस में सुधार करना है। यह कॉन्क्लेव सरकारी सेवकों को बेहतर ट्रेनिंग प्रदान करके उनके कौशल को और निखारने का प्रयास करेगा।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन 11 जून को दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा, जहां सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी इसे संबोधित करेंगे। इस कॉन्क्लेव में सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रिजनल एंड जोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और रिसर्च इंस्टीट्यूट के 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।

इस कॉन्क्लेव में अलग-अलग रिसर्च इंस्टीट्यूटों के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी होगी, जिससे विचार-विमर्श

और आदेशांकन का आयोजन हो सके। इसके अलावा, कॉन्क्लेव में आठ पैनल डिस्कशन होंगे जिनमें विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। प्रत्येक पैनल डिस्कशन का विषय विशेषतः प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस के सुधार पर मुख्यतः केंद्रित होगा।

इस नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी की उच्चतम स्तरीय दिशा-निर्देशकों को नवीनतम ट्रेनिंग तकनीकों, नए सशक्तिकरण तत्वों, और अद्यतन सिस्टम के बारे में ज्ञान प्राप्त होगा। यह तकनीकी ज्ञान और सौजन्य सुविधाएं सरकारी कर्मचारियों को सुविधाजनक और उन्नत संसाधनों के साथ प्रदान करके उनके कार्यक्षमता को बढ़ाने का माध्यम बनाएगा।

इस नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव के साथ-साथ पीएम मोदी ने मिशन कर्मयोगी की शुरुआत भी की है, जिसका मकसद सरकारी सेवकों की प्रशिक्षण, संगठनात्मक बदलाव, और उनके कौशल में सुधार करना है। इस मिशन के द्वारा सरकारी गवर्नेंस प्रक्रिया .

प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस में सुधार के लिए नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव: सरकारी सेवकों के कौशलों का निखार और विकास

देश के पहले नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव 2

और अनुभवों का हेल्दी एक्सचेंज होगा। यह मजबूत पारस्परिक संबंधों का निर्माण करेगा और सरकारी सेवाओं के बीच ज्ञान और अनुभव की बांटशाही को दूर करेगा।

इस नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव में आठ पैनल डिस्कशन होंगे जहां विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। प्रत्येक पैनल डिस्कशन का मुख्य विषय प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस के सुधार पर ही होगा। ये डिस्कशन पैनल विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे जैसे कि सरकारी प्रक्रिया में बदलाव, ई-गवर्नेंस, न्यायिक सुधार, सार्वजनिक सेवा आयोग, सामरिक प्रशासन, और नागरिकों के लिए सेवाओं की पहुंच में सुधार।

इस नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों को नवीनतम कौशलों, तकनीकों, और अद्यतन प्रणालियों का परिचय मिलेगा। इससे सेवानिवृत्ति और पदोन्नति की प्रक्रिया में भी सुधार होगा। सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों का पूर्णतः तकनीकीकरण, समर्पण

प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस में सुधार के लिए नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव: सरकारी सेवकों के कौशलों का निखार और विकास

यह नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव पीएम मोदी द्वारा आयोजित किया गया है ताकि सरकारी सेवकों के कौशलों का निखार और विकास हो सके और प्रशासनिक पॉलिसी और गवर्नेंस में सुधार किया जा सके। इस कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी सरकारी कर्मचारियों को विशेषज्ञता, कौशल, और नवीनतम ट्रेनिंग तकनीकों से अवगत करवाना चाहते हैं।

इस कॉन्क्लेव में सरकारी सेवाओं के विभिन्न ट्रेनिंग इंस्टीट्यूटों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिनमें सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रिजनल एंड जोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, और रिसर्च इंस्टीट्यूट शामिल होंगे। इन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूटों के प्रतिनिधियों के बीच इस कॉन्क्लेव के माध्यम से भागीदारी से, विचार-विमर्श,

एक प्रभावी नेतृत्व के साथ सरकारी सेवाओं का संगठन

नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से सरकारी सेवाओं में सुधार के लिए एक प्रभावी नेतृत्व के साथ संगठन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस कॉन्क्लेव का आयोजन करने से, सरकारी सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को नेतृत्व के महत्व को समझाने और उन्हें नेतृत्व कौशलों का विकास करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

एक प्रभावी नेतृत्व के साथ संगठन बनाने के लिए, सरकारी सेवाओं में नेतृत्व कौशलों का विकास और नेतृत्व की प्रभावशाली दक्षता का विकास महत्वपूर्ण होता है। नेतृत्व क्षमता के माध्यम से सरकारी सेवाओं के अधिकारी अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए सक्षम होते हैं और सेवा में उच्चतम मानकों की प्राप्ति करते हैं।

इसके अलावा, नेतृत्व के माध्यम से संगठन में सहयोग, समानता, और समरसता की भावना का विकास होता है।

सहयोग और संगठन के माध्यम से साथीपन का विकास होता है, जिससे कि सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों के बीच टीमवर्क, संघटनात्मक सोच, और सहयोग की भावना मजबूत होती है। इससे सरकारी सेवाओं की कार्यक्षमता बढ़ती है और सुशासन में सुधार किया जा सकता है।

नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव के द्वारा सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों को नेतृत्व के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा और उन्हें संगठनात्मक नेतृत्व कौशलों का विकास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह उन्हें संगठन में उच्च स्तर के पदों तक पहुंचने का अवसर भी प्रदान करेगा।

साथ ही, नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे जो सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों को नेतृत्व के क्षेत्र में नवीनतम विचारों, अद्यतन प्रणालियों, और उद्योग की उच्चतम प्रथाओं से अवगत करवाएंगे।

Kartar Gurjar

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