कोरोना के समय जब पूरा देश ही नहीं पूरा विश्व परेशानियों से जूझ रहा था उसी समय कोरोना के दौरान संक्रमण से बचाने जब प्लाज्मा की भूमिका को अहम माना गया तब मांग इतनी बढ़ी कि अस्पतालों में प्लाज्मा की कमी हो गई। ऐसे में उस समय मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की यूजी विंग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आकाश सोनी ने हेल्पलाइन बनाकर प्लाज्मा ग्रुप बनाया और तीन हजार जूनियर डॉक्टर्स को इससे जोड़ा। यही यूजी विंग मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स और स्टाफ की रक्तकुंडली तैयार कर रही थी।
इसके लिए सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज को यूजी विंग के साथ जूनियर्स डॉक्टर का ब्लड डेटा बेस तैयार किया जा रहा था। मप्र के करीब सात हजार डॉक्टर्स के अलावा अन्य लोगों के ब्लड ग्रुप और उनकी पूरी जानकारी बनाई जा रही थी, इस रक्त कुंडली को रक्तदाता दिवस के दिन लॉन्च किया गया था अब इसका काम लगभग पूरा हो चुका है।
यह होगा फायदा
- हजारों डोनर एक प्लेटफार्म पर होंगे, जिससे पता होगा कि कहां कौन रक्तदान कर सकता है।
- मरीजों को रक्त के बदले में डोनर ले जाने की बाध्यता कम होगी, ग्रुप के सदस्य ही काम करेंगे।
- मरीज और डोनर के मन में उठने वाली शंकाओं को दूर करने के लिए काउंसलिंग भी होगी।
कैसे आया आईडिया:-
यूजी विंग के पूर्व अध्यक्ष और इस प्रोग्राम के चीफ एडवाइजर डॉ. आकाश सोनी के मुताबिक इसके लिए पोर्टल तैयार किया गया था, जिसमें वाट्सऐप नंबर जारी किया गया था।
इस नंबर पर हमे डोनर के द्वारा रक्त संबंधी जानकारी के साथ अन्य जानकारी मसलन घर का पता, बीमारी इत्यादि की जानकारी साझा की जायेगी, हमारे पास फिलहाल सात हजार लोगों की जानकारी थी उनमे से ज्यादा तर लोगों को जोड़ा जा चुका है, ऐसे में प्रदेश के जिस क्षेत्र में मरीज को जरूरत होगी, उसके पास वाले डोनर को भेज देंगे।
लक्ष्य:-
“लोगों को बचाने के साथ-साथ जागरूकता बढ़ाना भी इस प्रोग्राम का मुख्य लक्ष्य है, इससे लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करना आसान होगा और आने वाले समय में लोग निडर होकर रक्तदान कर सकेंगे”:- डॉ आकाश सोनी के मुताबिक।