Civil lines assembly elections 2023 : जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से खाचरियावास को हार का डर सताने लगा है।
खाचरियावास पिछले कुछ दिनों से लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। वह लोगों को संकल्प दिलवा रहे हैं कि वे उन्हें ही वोट देंगे। ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी जीत को लेकर डर है।
हालांकि, जनता का मूड उनके पक्ष में नहीं दिख रहा है। लोगों का कहना है कि खाचरियावास ने पहले भी कई वादें किए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हुए हैं। इसलिए, इस बार वे किसी नए चेहरे को मौका देना चाहते हैं।
भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा भी लगातार जनता से संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे क्षेत्र का विकास करेंगे।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि खाचरियावास ने पिछले चुनाव में भी कई वादें किए थे, लेकिन उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हुए। इसलिए, इस बार हम किसी नए चेहरे को मौका देना चाहते हैं।
एक अन्य निवासी ने कहा कि गोपाल शर्मा एक नए चेहरे हैं। उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है, लेकिन वे ईमानदार और मेहनती लगते हैं। इसलिए, हम उन्हें मौका देना चाहते हैं।
सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि, इस बार बदलते समीकरणों ने खाचरियावास की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अगर भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा जनता का विश्वास जीतने में सफल होते हैं, तो उन्हें जीत की उम्मीद बढ़ जाएगी।
खाचरियावास की मुश्किलों के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- जनता का विश्वास खोना: खाचरियावास ने पिछले चुनाव में भी कई वादें की थीं, लेकिन उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हुए हैं। इससे जनता का उन पर विश्वास कम हो गया है।
- गोपाल शर्मा की लोकप्रियता: भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा एक नए चेहरे हैं। वे ईमानदार और मेहनती लगते हैं। इसलिए, उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा है।
- कांग्रेस की आंतरिक कलह: कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह भी खाचरियावास की मुश्किलों को बढ़ा रही है। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी नकारात्मक माहौल है।
खाचरियावास को अगर चुनाव जीतना है, तो उन्हें जनता का विश्वास जीतना होगा। इसके लिए उन्हें अपने वादों को पूरा करने की जरूरत है। इसके अलावा, उन्हें पार्टी की आंतरिक कलह को भी खत्म करना होगा।